प्यार Love
आज के दौर में प्यार Love एक फैसन बन चुका है। प्यार के भी अब कई रूप होते जा रहें हैं। सच पूछिए तो आज के समय में प्यार एक छलावा है एक ढोंग है। ये ढोंग लोग अपनी इच्छा पूर्ति को छिपाने के लिए करते है, हाँ ये जरूर हो सकता है की इन सब की इच्छायेँ अलग-अलग हो।
मगर मै ऐसा नहीं कहता की प्यार नहीं है प्यार है और मुझे डर इसी प्यार के लिए है जो एक शुद्ध प्रेम से भरा हुआ हो जिसका प्यार सच्चा तो होता है लेकिन अपने दूसरे साथी की इच्छाओं की पूर्ति हेतु बलि चढ़ा दिया जाता है। ये दुनिया इतनी तेजी से उस काल की ओर जा रही है। जहाँ एक दिन हर कोई खुद को अकेला पाएगा। पूरा जीवन धोखों से भरा होगा। असल में डर मुझे उस प्यार के लिए है जो वास्तव में प्रेम में परिपूर्ण होता है जो अपने प्रेम के ऐसे झूठे छलावे भरे प्यार को देख नहीं पाता और वह धीरे-धीरे कमजोर पड़ जाते हैं और कुछ ऐसा कर बैठते हैं जिससे किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता।
वास्तव में जरूरी नहीं की प्यार एक लड़का और लड़की के बीच हो प्यार तो किसी से भी हो सकता है, हाँ ये जरूर है की प्यार के रूप अलग-अलग हो सकते हैं। जैसे की एक माँ का अपने बच्चों के लिए प्यार, भाई बहन का प्यार, भक्त और भगवान का प्यार, एक मालिक को अपने जानवरों के लिए प्यार, राधा और कृष्ण का प्यार।
जैसे-जैसे समय बितता गया प्यार की रूप रेखा भी बदलती गयी। आज के समय के प्यार का मतलब ही पूरी तरह से बदल चुका है। सच पूछिए तो आज किसी को ये पता ही नहीं की प्यार क्या है। कोई ये मानने को तैयार ही नहीं की जहां इच्छा हो वहाँ प्यार नहीं होता। बस लोग अन्धे बने रहना चाहते है क्योंकि वास्तव में वे सभी जानते हैं की वे सभी किसी न किसी माध्यम से एक दूसरे की इच्छा को पूरा कर रहे हैं, हाँ इसे ही हमारा आज का समाज प्यार कहता है।
यूँ तो प्यार और प्रेम शब्द मे कोई खास अंतर नहीं है परंतु देखा जाए तो प्रेम किसी एक के द्वारा अपने ऐहसास को बड़ी विनम्रता से दरसाता है वहीं दूसरी तरफ प्यार अपने भारी भरकम शब्दों से अपने प्रेम को थोपता है। ऐसा नहीं की आज के दौर में प्यार पूरी तरह से खत्म हो चुका है प्यार समय समय पर राधा-कृष्ण लैला-मजनू , हीर-राँझा , रोमियो-जुलीयत के रूप में खुद को साबित करता रहा है। मुझे पूरा यकीन है की आज भी इस तरह का प्रेम जन्म लेता होगा।
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हाँ ये वही प्यार है जो आज के फिल्मों के जरिए नाटकों के जरिए लोगों को दिखाया जाता है की प्यार कैसे होता है और हमारे समाज की आने वाली पीढ़ी को मानसिक रूप से तैयार किया जा रहा है की प्यार की रूप रेखा ऐसी ही होनी चाहिए।
वास्तव में वे ऐसा करने में कामयाब भी हैं आज लड़के को लगता है की प्यार करने के लिए कोई एक खूबसूरत लड़की हो और लड़की को लगता है की प्यार करने को कोई एक हैन्सम लड़का हो। बस यही प्यार है एक दो बार डेट फिर सीधा रिलेसनशीप इसके बाद वही होता है जैसा की आज कल के फिल्मों में होता है। ब्रेकअप फिर कुछ महीने बाद दूसरा प्यार होगा दूसरे से तीसरा........... इसे आज के नये दौर मे ईसक वाला लव कहा जाता है। ईसक वाला लव बड़े बूढ़ों से ज्यादा उनपर चढ़ा हुआ है जिनके अभी दूध के दाँत भी नहीं टूटें।
आज के लड़के लड़कियां ऐसा सोचते हैं की उनका भी कोई गर्लफ्रेंड-बॉयफ्रेंड होना चाहिए। उन्हे ऐसा लगता है की ऐसा न होने पर उनके मित्र और उनके जानने वाले उन्हे लेकर अच्छा नहीं सोचते।
ऐसा नहीं की ईसक वाला लव हुआ नहीं ऐसे कई लोग होंगे जिनके पास लैला-मजनू , हीर-राँझा , रोमियो-जुलीयत की तरह प्यार करने वाला प्रेम होगा बस उन्हे आपको पहचानना आना चाहिए हो सके तो ऐसे प्यार करने वाले को खोने से बचे उनकों और उनके प्रेम को समझें।
आज के दौर में मनुष्य की पहचान उसका पैसा है, चाहे वो पैसा किसी तरह से कमाया गया हो कोई फर्क नहीं पड़ता। हमारे यहाँ के बड़े बुजुर्ग नवजवानों को आज के दौर के पैसे के कीमत को बताने के लिए भोजपुरी में एक कहावत कहा करते हैं।
बेटा पईसा में बड़ा दम बा।
वास्तव में ये सच भी है। आज के दौर में मनुष्य पैसे के बल पर और पैसो के लिए कुछ भी कर सकता है। आज हर कोई जानता है, पैसा पास हो तो जिन्दगी आसान हो जाती है। आज पैसो की काली छाया ने रिस्तों को भी अपनी आग़ोश में ले रखा है। हमें अकसर ये सुनने को मिल ही जाता है कि पैसे के लिए एक भाई दूसरे भाई के खून का प्यासा हो गया, आज पैसो के भूख ने राम-लक्ष्मण जैसे भाई के प्रेम के रिसते को भी कलंकित कर दिया है। आज लोग प्यार और रिसता भी ये देख के करते हैं कि सामने वाला कितना पैसे वाला है।
आज की लड़कियाँ, लड़कों में ये देखती है की वो कितने पैसे वाला है। तभी वो उस लड़के के साथ रिसता रखती है, उन्हे इस बात से भी कोई फर्क नहीं पड़ता की वो लड़का कैसा है। हद तो तब हो जाती है जब उस लड़की को उस लड़के से भी ज्यादा पैसा वाला लड़का मिल जाता है तो, वह लड़की उस लड़के को छोड़ देती है बिना ये सोचे की इससे उस लड़के को कैसा लगेगा। अगर लड़का आज के दौर के लोगों को अच्छे से जानता है तो वह अपनी पिछली जिंदगी को भुलाकर आगे बढ़ जाता है, परन्तु जिन्दगी जीना उस प्रेमी के लिए कठिन हो जाता है, जो वास्तव में प्रेम को जानते हो वह अपने प्रेमी साथी के धोखे को सहन नहीं कर पाता और अपने जीवन को नष्ट कर देता है। आज के दौर में जिन्दगी उनकी कठिन बन जाती है, जो वास्तव में प्यार को समझते है। वे सामने वाले के प्यार के झूठे मुखौटे को देख नहीं पाते और अपनी जिन्दगी को दुखों और पीड़ाओं से भर लेते है।
कुछ मनुष्य तो ये जानते हैं की कोई उनसे सम्बन्ध रख रहा है तो वो बस पैसों के लिए पर वे अपने स्वार्थ और इच्छा पूर्ति के लिए जानते-बुझते दर्शक बने रहना चाहते है। सच पुछा जाए तो प्यार हमारे समाज से लुप्त होता जा रहा है।
आज कुछ लोग प्यार पैसे वालों से ही करते हैं, इससे उन्हे कोई फर्क नहीं पड़ता की सामने वाला घृणित चरित्र का हो या कोई बूढ़ा व्यक्ति हो उन्हे बस पैसा दिखता है, और आज समाज इतना लालची हो गया है की वह अपने लड़के-लड़कियों की शादी भी करता है तो सामने वाले के पैसों को देख कर करते हैं। हद तो ये है की आज के लोग दहेज को भी शादियों की एक प्रथा बनाते जा रहे हैं। शादियों में किसी दूसरी प्रथा का पालन हो या ना हो लेकिन दहेज जैसी प्रथा का पालन अच्छे से किया एवं कराया जाता है। आज दहेज प्रथा की आँड में लड़के वाले लड़की वालों से अच्छी खासी रकम वसूलते हैं, और लड़की वाले भी अपने समाज में अपने रुतबे को दिखाने के लिए दहेज प्रथा के चलन को बढ़ावा देते हैं, और लड़के-लड़की इस व्यापार को प्रेम सम्बन्ध दिखाते है। वास्तव में वे सब जानते-बुझते अनजान बनने का दिखावा करते है। आज हालात ये है की पैसे वाले प्यार की संख्या में लगातार वृद्धि होती जा रही है।
मेरी मानें तो एक तरफा प्यार सबसे शुद्ध होता है, और सबसे अच्छा भी क्योंकि एक तरफे प्यार को ना खोने का डर होता और ना ही दिल टूटने का डर होता है परंतु एक तरफा प्यार में अपने प्रेम को पाने की इच्छा जरूर होती है।
जैसे एक भक्त अपने प्रभु को , मीरा अपने प्रेम कृष्ण को पाने की इच्छा रखतीं हैं। उसी प्रकार प्रेमी-प्रेमिका अपने प्रेम को पाने की इच्छा तो रखते है परंतु वे अपने प्रेम को पाने के लिए उन पर अपने प्रेम का कोई दबाव नहीं रखते।
मगर मै ऐसा नहीं कहता की प्यार नहीं है प्यार है और मुझे डर इसी प्यार के लिए है जो एक शुद्ध प्रेम से भरा हुआ हो जिसका प्यार सच्चा तो होता है लेकिन अपने दूसरे साथी की इच्छाओं की पूर्ति हेतु बलि चढ़ा दिया जाता है। ये दुनिया इतनी तेजी से उस काल की ओर जा रही है। जहाँ एक दिन हर कोई खुद को अकेला पाएगा। पूरा जीवन धोखों से भरा होगा। असल में डर मुझे उस प्यार के लिए है जो वास्तव में प्रेम में परिपूर्ण होता है जो अपने प्रेम के ऐसे झूठे छलावे भरे प्यार को देख नहीं पाता और वह धीरे-धीरे कमजोर पड़ जाते हैं और कुछ ऐसा कर बैठते हैं जिससे किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता।
वास्तव में जरूरी नहीं की प्यार एक लड़का और लड़की के बीच हो प्यार तो किसी से भी हो सकता है, हाँ ये जरूर है की प्यार के रूप अलग-अलग हो सकते हैं। जैसे की एक माँ का अपने बच्चों के लिए प्यार, भाई बहन का प्यार, भक्त और भगवान का प्यार, एक मालिक को अपने जानवरों के लिए प्यार, राधा और कृष्ण का प्यार।
जैसे-जैसे समय बितता गया प्यार की रूप रेखा भी बदलती गयी। आज के समय के प्यार का मतलब ही पूरी तरह से बदल चुका है। सच पूछिए तो आज किसी को ये पता ही नहीं की प्यार क्या है। कोई ये मानने को तैयार ही नहीं की जहां इच्छा हो वहाँ प्यार नहीं होता। बस लोग अन्धे बने रहना चाहते है क्योंकि वास्तव में वे सभी जानते हैं की वे सभी किसी न किसी माध्यम से एक दूसरे की इच्छा को पूरा कर रहे हैं, हाँ इसे ही हमारा आज का समाज प्यार कहता है।
* प्यार और प्रेम
यूँ तो प्यार और प्रेम शब्द मे कोई खास अंतर नहीं है परंतु देखा जाए तो प्रेम किसी एक के द्वारा अपने ऐहसास को बड़ी विनम्रता से दरसाता है वहीं दूसरी तरफ प्यार अपने भारी भरकम शब्दों से अपने प्रेम को थोपता है। ऐसा नहीं की आज के दौर में प्यार पूरी तरह से खत्म हो चुका है प्यार समय समय पर राधा-कृष्ण लैला-मजनू , हीर-राँझा , रोमियो-जुलीयत के रूप में खुद को साबित करता रहा है। मुझे पूरा यकीन है की आज भी इस तरह का प्रेम जन्म लेता होगा।
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अब बात निकली है तो दूर तक जायेगी।
अब आपको भी किसी की याद सतायेगी।।
आज के समाज के प्यार की कुछ विशेष रूप रेखा पर चर्चा........
(1) ईसक वाला लव
हाँ ये वही प्यार है जो आज के फिल्मों के जरिए नाटकों के जरिए लोगों को दिखाया जाता है की प्यार कैसे होता है और हमारे समाज की आने वाली पीढ़ी को मानसिक रूप से तैयार किया जा रहा है की प्यार की रूप रेखा ऐसी ही होनी चाहिए।
वास्तव में वे ऐसा करने में कामयाब भी हैं आज लड़के को लगता है की प्यार करने के लिए कोई एक खूबसूरत लड़की हो और लड़की को लगता है की प्यार करने को कोई एक हैन्सम लड़का हो। बस यही प्यार है एक दो बार डेट फिर सीधा रिलेसनशीप इसके बाद वही होता है जैसा की आज कल के फिल्मों में होता है। ब्रेकअप फिर कुछ महीने बाद दूसरा प्यार होगा दूसरे से तीसरा........... इसे आज के नये दौर मे ईसक वाला लव कहा जाता है। ईसक वाला लव बड़े बूढ़ों से ज्यादा उनपर चढ़ा हुआ है जिनके अभी दूध के दाँत भी नहीं टूटें।
आज के लड़के लड़कियां ऐसा सोचते हैं की उनका भी कोई गर्लफ्रेंड-बॉयफ्रेंड होना चाहिए। उन्हे ऐसा लगता है की ऐसा न होने पर उनके मित्र और उनके जानने वाले उन्हे लेकर अच्छा नहीं सोचते।
ऐसा नहीं की ईसक वाला लव हुआ नहीं ऐसे कई लोग होंगे जिनके पास लैला-मजनू , हीर-राँझा , रोमियो-जुलीयत की तरह प्यार करने वाला प्रेम होगा बस उन्हे आपको पहचानना आना चाहिए हो सके तो ऐसे प्यार करने वाले को खोने से बचे उनकों और उनके प्रेम को समझें।
(2) पैसे वाला प्यार
आज के दौर में मनुष्य की पहचान उसका पैसा है, चाहे वो पैसा किसी तरह से कमाया गया हो कोई फर्क नहीं पड़ता। हमारे यहाँ के बड़े बुजुर्ग नवजवानों को आज के दौर के पैसे के कीमत को बताने के लिए भोजपुरी में एक कहावत कहा करते हैं।
बेटा पईसा में बड़ा दम बा।
पईसा क माई पहाड़ चढ़ जा ल।
वास्तव में ये सच भी है। आज के दौर में मनुष्य पैसे के बल पर और पैसो के लिए कुछ भी कर सकता है। आज हर कोई जानता है, पैसा पास हो तो जिन्दगी आसान हो जाती है। आज पैसो की काली छाया ने रिस्तों को भी अपनी आग़ोश में ले रखा है। हमें अकसर ये सुनने को मिल ही जाता है कि पैसे के लिए एक भाई दूसरे भाई के खून का प्यासा हो गया, आज पैसो के भूख ने राम-लक्ष्मण जैसे भाई के प्रेम के रिसते को भी कलंकित कर दिया है। आज लोग प्यार और रिसता भी ये देख के करते हैं कि सामने वाला कितना पैसे वाला है।
आज की लड़कियाँ, लड़कों में ये देखती है की वो कितने पैसे वाला है। तभी वो उस लड़के के साथ रिसता रखती है, उन्हे इस बात से भी कोई फर्क नहीं पड़ता की वो लड़का कैसा है। हद तो तब हो जाती है जब उस लड़की को उस लड़के से भी ज्यादा पैसा वाला लड़का मिल जाता है तो, वह लड़की उस लड़के को छोड़ देती है बिना ये सोचे की इससे उस लड़के को कैसा लगेगा। अगर लड़का आज के दौर के लोगों को अच्छे से जानता है तो वह अपनी पिछली जिंदगी को भुलाकर आगे बढ़ जाता है, परन्तु जिन्दगी जीना उस प्रेमी के लिए कठिन हो जाता है, जो वास्तव में प्रेम को जानते हो वह अपने प्रेमी साथी के धोखे को सहन नहीं कर पाता और अपने जीवन को नष्ट कर देता है। आज के दौर में जिन्दगी उनकी कठिन बन जाती है, जो वास्तव में प्यार को समझते है। वे सामने वाले के प्यार के झूठे मुखौटे को देख नहीं पाते और अपनी जिन्दगी को दुखों और पीड़ाओं से भर लेते है।
कुछ मनुष्य तो ये जानते हैं की कोई उनसे सम्बन्ध रख रहा है तो वो बस पैसों के लिए पर वे अपने स्वार्थ और इच्छा पूर्ति के लिए जानते-बुझते दर्शक बने रहना चाहते है। सच पुछा जाए तो प्यार हमारे समाज से लुप्त होता जा रहा है।
आज कुछ लोग प्यार पैसे वालों से ही करते हैं, इससे उन्हे कोई फर्क नहीं पड़ता की सामने वाला घृणित चरित्र का हो या कोई बूढ़ा व्यक्ति हो उन्हे बस पैसा दिखता है, और आज समाज इतना लालची हो गया है की वह अपने लड़के-लड़कियों की शादी भी करता है तो सामने वाले के पैसों को देख कर करते हैं। हद तो ये है की आज के लोग दहेज को भी शादियों की एक प्रथा बनाते जा रहे हैं। शादियों में किसी दूसरी प्रथा का पालन हो या ना हो लेकिन दहेज जैसी प्रथा का पालन अच्छे से किया एवं कराया जाता है। आज दहेज प्रथा की आँड में लड़के वाले लड़की वालों से अच्छी खासी रकम वसूलते हैं, और लड़की वाले भी अपने समाज में अपने रुतबे को दिखाने के लिए दहेज प्रथा के चलन को बढ़ावा देते हैं, और लड़के-लड़की इस व्यापार को प्रेम सम्बन्ध दिखाते है। वास्तव में वे सब जानते-बुझते अनजान बनने का दिखावा करते है। आज हालात ये है की पैसे वाले प्यार की संख्या में लगातार वृद्धि होती जा रही है।
(3) एक तरफा प्यार
मेरी मानें तो एक तरफा प्यार सबसे शुद्ध होता है, और सबसे अच्छा भी क्योंकि एक तरफे प्यार को ना खोने का डर होता और ना ही दिल टूटने का डर होता है परंतु एक तरफा प्यार में अपने प्रेम को पाने की इच्छा जरूर होती है।
जैसे एक भक्त अपने प्रभु को , मीरा अपने प्रेम कृष्ण को पाने की इच्छा रखतीं हैं। उसी प्रकार प्रेमी-प्रेमिका अपने प्रेम को पाने की इच्छा तो रखते है परंतु वे अपने प्रेम को पाने के लिए उन पर अपने प्रेम का कोई दबाव नहीं रखते।